Thursday, September 29, 2011

फ़लक तक चलो 
तो साथ चलेंगे|
ऊब चुके हैं चाँद से 
मार्स पर चलो
तो साथ चलेंगे|
बहुत कर लीं राम की बातें
जो साक़ी की बात करो
तो साथ चलेंगे|
संगेमर्मर्र पर चल चुके बहुत
जो सरेआम चलो
तो साथ चलेंगे|

2 comments:

  1. चला.. ज़ाऊ या! :P

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  2. Ram and saki? Must confess that it is a very unusual choice :)

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