Thus Spoke Shakti
This blog contains writings of Shakti Dwivedi.
Tuesday, August 23, 2011
कुछ बदहवास लोथड़े
घूमते रहे सड़कों पर
रात भर
कुछ नारों की गंध
तैरती रही हवा में
देर तक
कल रात फिर एक आवारा भीड़ ने
क़त्ल किया
मौन का
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